अगर आप कोई ऐसी विशिष्ट सूचना चाहते हैं जिसे सरकार द्वारा स्वैच्छिक रूप से सार्वजनिक नहीं किया जाता – उदाहरण के लिये, अगर आप जानना चाहते हैं कि आपका सांसद किस तरह सांसद विकास निधि को खर्च कर रहा है, आपके मोहल्ले की सड़कों और नालियों की मरम्मत के लिये कितना पैसा आवंटित किया गया है या आप किसी मंत्रालय के कार्यालयों की साज-सज्जा के खर्चे से सम्बन्धित दस्तावेजों को देखना चाहते हैं, तो सूचना का अधिकार अधिनियम आपको सम्बन्धित लोक प्राधिकरण को एक लिखित आवेदन करने का अधिकार देता है।28
चरण 1: उस लोक प्राधिकरण की पहचान करें जिसके पास सूचना है
इस दिशा में पहला कदम उस लोक प्राधिकरण की पहचान करने का है जिसके पास आप द्वारा चाही गई सूचना है। अगर आपको उस प्राधिकरण के बारे में निश्चित रूप से नहीं मालूम तो उन सम्भावित प्राधिकरणों की एक सूची तैयार करें जिनके पास आपके अनुसार आपकी वांछित सूचना हो सकती है। उनमें से किसी एक लोक प्राधिकरण को अपना आवेदन पत्र भेजिए अथवा उसके कार्यालय में जमा करवाइए। इस बात को लेकर ज्यादा चिन्ता करने की जरूरत नहीं कि आपका आवेदन पत्र गलत कार्यालय में न चला गया हो क्योंकि सूचना का अधिकार अधिनियम के प्रावधान के अनुसार आपने जिस कार्यालय को अपना आवेदन सौंपा है, भले ही उसके पास आप के द्वारा मांगी गई सूचना न हो, उन्हें आपके आवेदन को लौटाना नहीं चाहिए, बल्कि पाँच दिनों के भीतर आपके आवेदन को सम्बन्धित लोक प्राधिकरण को हस्तांतरित कर देना चाहिए।29 अगर आपका आवेदन हस्तांतरित कर दिया गया है तो पहले प्राधिकरण को लिखित में आपको इस बात की सूचना देनी चाहिए। अब 30 दिनों की मूल अवधि के भीतर आपके द्वारा निवेदित सूचना को आपको उपलब्ध कराना दूसरे लोक प्राधिकरण की जिम्मेदारी है।
चरण 2 : लोक प्राधिकरण में उस अधिकारी की पहचान करें जिसे सूचना के लिये आवेदन सौंपा जाना है
यह जान लेने के बाद कि आप द्वारा वांछित सूचना किस लोक प्राधिकरण के पास है, आपको यह फैसला करना होगा कि प्राधिकरण में आप अपना आवेदन किस अधिकारी को सौंपे। आपको सम्बन्धित विभाग के वेबसाइट पर हर विभाग में मनोनीत लोक सूचना अधिकारियों या सहायक लोक सूचना अधिकारियों की सूची मिल जानी चाहिए या आप सीधे सम्बन्धित विभाग से सम्पर्क कर उससे मार्गदर्शन ले सकते हैं।30 सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत हर विभाग के लिये अपने लोक सूचना अधिकारियों और सहायक लोक सूचना अधिकारियों की सूची इलेक्ट्रॉनिक या मुद्रित रूप में रखना अनिवार्य है। लेकिन आपको इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि अगर आपने अपना आवेदन सहायक लोक सूचना अधिकारी को सौंपा है तो विभाग द्वारा आपके आवेदन का जवाब देने की अवधि 30 की बजाय 35 दिन हो जाएगी।
हालाँकि सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत आने वाले हर लोक प्राधिकरण का कर्तव्य है कि वह आवेदनों को प्राप्त करने और उन पर कार्रवाई करने के लिये एक लोक सूचना अधिकारी को मनोनीत करें। लेकिन सूचनाओं के अनुसार कुछ लोक प्राधिकरणों ने अभी तक लोक सूचना अधिकारी मनोनीत नहीं किए हैं और इस आधार पर वे सूचनाओं के निवेदनों को स्वीकार नहीं कर रहे हैं। अगर आपके साथ ऐसा होता है तो आप केन्द्रीय सूचना आयोग (केन्द्र सरकार के कार्यालयों के लिये) या राज्य सूचना आयोग (राज्य सरकार या स्थानीय शासन के कार्यालयों के लिये) को सीधे शिकायत कर सकते हैं और लोक सूचना अधिकारियों की नियुक्ति की माँग कर सकते हैं (अधिक विस्तृत विवरणों के लिये देखें भाग 8)। सूचना आयोगों के पास केन्द्रीय या राज्य लोक सूचना अधिकारियों की नियुक्ति के लिये निर्देश देने की शक्ति है।31
चरण 3 : वांछित सूचना के बारे में एक सुस्पष्ट आवेदन तैयार करें
आप अंग्रेजी, हिंदी या अपने क्षेत्र की राज भाषा में लिखित या इलेक्ट्रॉनिक आवेदन तैयार कर सकते हैं।32 अपना आवेदन लिखते वक्त यह जरूरी है कि आप उसे स्पष्ट और संक्षिप्त रूप में लिखें बहुत जरूरी है कि आपका आवेदन जितना सम्भव हो विनिर्दिष्ट विषय पर केन्द्रित हो ताकि आपको ऐसे ढेरों दस्तावेजों की बजाय जो आपने नहीं चाहे (इनके लिये आपको शुल्क भी देना पड़ेगा), आपको वही सूचना मिले जो आप चाहते हैं। जरूरी है कि आप अपने आवेदन को अपनी चाही विनिर्दिष्ट सूचना पर ही केन्द्रित करें ताकि लोक सूचना अधिकारी इस आधार पर उसे लौटा न सके कि आवेदन अस्पष्ट है या उसे समझने में कठिनाई आ रही है।
अधिनियम ने आवेदन करने के लिये कोई विशिष्ट फार्म निर्धारित नहीं किया है, हालाँकि कुछ राज्य सरकारें इसकी माँग करती जान पड़ती हैं। गौरतलब है कि केन्द्र सरकार का सूचना का अधिकार (शुल्क व लागतों का नियमन) नियम 2005 आवेदनों के लिये किसी खास रूपरेखा का निर्धारण नहीं करता। साथ ही, कुछ राज्य सरकारों ने यह बात स्पष्ट कर दी है कि आवेदनों की एक खास रूप-रेखा तो होगी, लेकिन इसके लिये कोई विशिष्ट फार्म जरूरी नहीं है।34 एक ऐतिहासिक फैसले में केन्द्रीय सूचना आयोग ने नियम तय किया है कि साधारण कागज के पन्ने पर किए गए आवेदन के साथ भी एक औपचारिक आवेदन जैसा ही व्यवहार किया जाना चाहिए। सरकारी विभाग प्रशासनिक प्रयोजनों के लिये खास तरह के फार्म निर्धारित कर सकते हैं, लेकिन इसके कारण साधारण कागज या फार्म की फोटोकॉपी पर किए गए आवेदनों को अस्वीकार नहीं किया जाना चाहिए।35
चरण 4 : अपना आवेदन जमा करें
आवेदन तैयार कर लेने के बाद, आपको इसे निम्न को भेजने की जरूरत हैः
- उस लोक प्राधिकरण के लोक सूचना अधिकारी को जिसके पास आप द्वारा वांछित सूचना है; या
- अपने निकट स्थित उप-जिला या उप-मण्डल स्तर के सहायक लोक सूचना अधिकारी को। सम्बन्धित लोक सूचना अधिकारी को आपका आवेदन आगे पहुँचना उसका कर्तव्य है।
आप स्वयं जाकर अपना आवेदन जमा करा सकते हैं, उसे डाक, फैक्स या ई-मेल द्वारा भेज सकते हैं। अगर आप डाक से अपना आवेदन भेज रहे हैं तो पंजीकृत डाक (Registered post-RPAD) से या डाक प्रमाणपत्र (Under Posting Certificate-UPC) से भेजें ताकि आपके पास उसे भेजने का प्रमाण रहे और लोक सूचना अधिकारी यह न कह सके कि उसे आपका आवेदन कभी मिला ही नहीं। अगर आप व्यक्तिगत रूप से अपना आवेदन जमा कराने जाएँगे तो उसकी पावती मांगना न भूलें। पावती पर आवेदन को प्राप्त करने का समय और तिथि, स्थान और प्राप्त करने वाले के नाम का उल्लेख होना चाहिए। कई राज्य सरकारों ने शुल्क के नियमों के साथ पावती के नमूनों को भी अधिसूचित किया है जो हर लोक सूचना अधिकारी और सहायक लोक सूचना अधिकारी के पास होना जरूरी है।
अधिनियम के अनुसार आवेदन के साथ आवेदन शुल्क भी जमा करना जरूरी है। केन्द्र और राज्यों ने अलग-अलग शुल्क निर्धारित किए हैं (विवरणों के लिये देखें परिशिष्ट-2)। अगर आप व्यक्तिगत रूप से अपना आवेदन जमा करा रहे हैं तो लोक सूचना अधिकारी या सहायक लोक सूचना अधिकारी को आपको उसी समय एक पावती देनी चाहिए जिस पर इस बात का उल्लेख हो कि उसे आपका आवेदन किस तिथि को प्राप्त हुआ। साथ ही इस बात का भी उल्लेख होना चाहिए कि आपने आवेदन शुल्क अदा कर दिया है। कुछ विभागों में हो सकता है कि लोक सूचना अधिकारी स्वयं शुल्क स्वीकार न करे, बल्कि आपको उस अनुभाग में भेजे जिसे नकद शुल्क लेने का काम सौंपा गया है। स्थिति जैसी भी हो, आपको अपने द्वारा अदा किए गए शुल्क की रसीद जरूर लेनी चाहिए। लेकिन अगर आप अपना आवेदन डाक से भेज रहे हैं, तो आप डिमांड ड्राफ्ट, बैंक के चैक या पोस्टल ऑर्डर (केन्द्र सरकार के कार्यालयों के लिये) से अपना शुल्क भेज सकती/सकते हैं। लेकिन अगर आप नकद शुल्क दे रहे हैं, तो आपको भुगतान की पावती की एक प्रति आवेदक के साथ भेजनी होगी। डाक के द्वारा शुल्क नकद के रूप में भी भेजा जा सकता है बशर्ते आप अपने लिफाफे की बीमा डाकखाने में कराई हो।
सूचना का अधिकार अधिनियम विशिष्ट तौर पर शुल्क भुगतान की किसी पद्धति का उल्लेख नहीं करता। भुगतान की पद्धतियाँ केन्द्र व राज्य सरकारों द्वारा जारी किये गये शुल्क नियमों में निर्धारित की गई हैं (विवरणों के लिये देखें परिशिष्ट 2) कुछ राज्यों ने अदायगी के डिमांड ड्राफ्ट, बैंक के चेक या नकद अदायगी जैसे कुछ सीमित विकल्प रखे हैं। लेकिन आदर्श स्थिति यह होनी चाहिए कि आप गैर-न्यायिक स्टांप और पोस्टल ऑर्डर सहित व्यापक विकल्पों में से किसी एक को चुन सकें। अगर आपको शुल्क अदायगी के तरीके को लेकर कोई संदेह हैं, तो आपको सरकार द्वारा निर्धारित नियमों को देखना चाहिए और/या लोक सूचना अधिकारी या अधिनियम को कार्यान्वित करने के लिये जिम्मेदार नोडल एजेंसी से सम्पर्क करना चाहिए। वे आपकी मदद करेंगे।
चरण 5: आवेदन पर फैसले का इंतजार करें
लोक सूचना अधिकारी द्वारा आवेदन शुल्क के साथ आपके आवेदन को प्राप्त करने के बाद उसका कर्तव्य है कि वह जितना जल्दी सम्भव है आपके आवेदन पर कार्रवाई करे। लेकिन ऐसा करने में उसे आवेदन प्राप्ति की तिथि से 30 दिनों से अधिक समय नहीं लेना चाहिए।37 अगर आपके आवेदन को उस तक सहायक लोक सूचना अधिकारी द्वारा भेजा गया है, तो इस समयावधि में पाँच दिन और जुड़ जाते हैं।38 लेकिन जहाँ निवेदित सूचना किसी व्यक्ति के जीवन या उसकी स्वतंत्रता सुनिश्चित करने में निर्णायक है, वहाँ फैसला 48 घंटों के भीतर किया जाना चाहिए। उदाहरण के लिये, अगर पुलिस ने किसी व्यक्ति को गिरफ्तारी के वारंट या मीमो के बिना ही उठा लिया है, तो उसका परिवार, मित्र, बल्कि कोई अन्य तीसरा सम्बन्धित व्यक्ति भी पुलिस विभाग के लोक सूचना अधिकारी से उसके अते-पते के बारे में पूछ सकता है और इसके जवाब में कार्रवाई दो दिनों के भीतर हो जानी चाहिए। ऐसा आवेदन करते समय अच्छा होगा अगर आवेदन में यह बताया गया हो कि आपके अनुसार आपका आवेदन “जीवन या स्वतंत्रता” से सम्बन्धित है ताकि लोक सूचना अधिकारी आपके आवेदन का आकलन करने में देरी न करे।
28धारा 6(1)
29धारा 6(3)
30या फिर आप केन्द्र और राज्यों में नामित लोक सूचना अधिकारियों व सहायक लोक सूचना अधिकारियों की सूचियों के सम्पर्क सूत्रों के लिये भारत सरकार की सूचना अधिकार पोर्टल पर लॉग ऑन करेः http://www.rti.gov.in/
31धारा 19(8)(ए)(ii)
32धारा 6(1)
33धारा 6(2)
34गुजरात और महाराष्ट्र के सूचना आवेदन शुल्क नियम साधारण कागज पर आवेदन करने की इजाजत देते हैं, बशर्ते उस पर वे सभी विवरण हों जो मुद्रित फार्म में मांगे गए हैं।
35एनडीटीवी (2006) “स्लमड्वेलर विन्स राइट टू इंफार्मेशन”, एनडीटीवी.कॉम, 8 फरवरीः
http://www.ndtv.com/morenews/showmorestory.asp?category=National&Slum+dweller+%27wins%27+right+to+information&id=84602, 20 मार्च 2006
38(धारा 7(5)
*यह आवेदनों के लिये केवल एक नमूना है। सीएचआरआई का सुझाव है कि आप जिस लोक सूचना अधिकारी से सूचना माँग रहे हैं, उससे पूछ लें कि आवेदन में किन विवरणों को शामिल करना आवश्यक है।
37धारा 7(1)
38धारा 5(2)
39धारा 7(1)
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