नमस्कार, हम आज आपको RTI यानी सूचना का अधिकार के बारे में बताएंगे की यह क्या है? इसका इस्तेमाल कैसे कर सकते हैं! किस लिए कर सकते है?
तो सबसे पहले हम आपको बताते है कि आरटीआई क्या है?
RTI यानी सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 को लागू हुआ था। इस कानून का मकसद सरकारी महकमों की जवाबदेही तय करना और पारदर्शिता लाना है ताकि भ्रष्टाचार पर अंकुश लग सके। यह अधिकार आपको ताकतवर बनाता है। इसके लिए सरकार ने केंदीय सूचना आयोग और राज्य सूचना आयोगों का गठन भी किया है।
इस कानून के तहत अगर आपके बच्चों के स्कूल के टीचर अक्सर गैर-हाजिर रहते हों, आपके आसपास की सड़कें खराब हालत में हों, सरकारी अस्पतालों या हेल्थ सेंटरों में डॉक्टर या दवाइयां न हों, अफसर काम के नाम पर रिश्वत मांगे या फिर राशन की दुकान पर राशन न मिले तो आप सूचना के अधिकार यानी आरटीआई के तहत ऐसी सूचनाएं पा सकते हैं।
कैसे लिखें आरटीआई ऐप्लिकेशन:-
सूचना पाने के लिए कोई तय प्रारुप(प्रोफार्मा) नही है। आप सादे कागज पर हाथ से लिख या टाइप कर सकते है।
आप अपनी एप्लिकेशन हिंदी, अंग्रेजी या किसी भी स्थानीय भाषा में ऐप्लिकेशन दे सकते हैं।
ऐप्लिकेशन में साफ-साफ लिखें कि आपको क्या सूचना चाहिए और कितनी अवधि की सूचना चाहिए?
आवेदक को सूचना मांगने के लिए कोई वजह या पर्सनल ब्यौरा देने की जरूरत नही है। उसे सिर्फ अपना पता देना होगा। फोन या मोबाइल नंबर देना जरूरी नही लेकिन नंबर देने से सूचना देने वाला विभाग आपसे संपर्क कर सकता है।
कहां करें अप्लाई:-
हर सरकारी महकमे में एक या ज्यादा अधिकारियों को लोक/जन सूचना अधिकारी(पब्लिक इन्फर्मेशन ऑफिसर यानी पीआईओ) के रूप में अपॉइंट होते है। आम नागरिकों द्वारा मांगी गई सूचना को समय पर उपलब्ध कराना इन अधिकारियों की जिम्मेदारी होती है। आप संबंधित विभागों के पब्लिक इन्फमेर्शन ऑफिसर को एक ऐप्लिकेशन देकर इच्छित जानकारी मांग सकते है।
कैसे करें अप्लाई:-
ऐप्लिकेशन संबंधित अधिकारी के पास किसी भी रूप में (खुद या डाक द्वारा) जमा कर सकते हैं। ऐप्लिकेशन के साथ 10 रुपये की फीस भी जमा करानी होती है।
कैसे कराये फीस जमा:-
फीस जमा कराने के वैसे तो बहुत से तरीके है पर जो सबसे सरल और उपयुक्त है वो है भारतीय पोस्टल ऑर्डर। आप अपने नजदीकी डाकघर में जाकर 10 रुपये का पोस्टल ऑर्डर मांग सकते है जिसके लिए आपसे 11 वसूल किये जायेंगे।
आप सोच रहे होंगे कि मैंने ₹10 का पोस्टल ऑर्डर ही क्यों बताया, वह इसलिए क्योंकि राजस्थान में आईटीआई एप्लीकेशन लगाने के लिए 10 रुपये की फीस निर्धारित की गई है और BPL परिवारों के लिए यह फीस भी नही रखी गई है यानी निशुल्क है।
कैसे भेजे एप्लीकेशन(आवेदन):-
आप संबंधित विभाग के लोक/जन सूचना अधिकारी को व्यक्तिगत रूप से आरटीआई आवेदन दे सकते हैं अगर कोई व्यक्तिगत रूप से आवेदन नही दे पाता है तो उसके लिए दूसरा रास्ता है, डाक द्वारा भेजना।
होता क्या है कि ज्यादातर लोग RTI एप्लीकेशन डाक द्वारा तो भेजते हैं लेकिन वह सिंपल पोस्ट करते हैं जिसका नतीजा यह होता है कि हमें अपनी एप्लीकेशन की स्टेटस रिपोर्ट नही मिल पाती है यानी कि हमें नही पता चल पाता है कि हमारा आवेदन सही विभाग में गया या नही गया।
तो इस बात का खास-कर ध्यान रखें कि आईटीआई एप्लीकेशन हमेशा स्पीड पोस्ट द्वारा ही भेजें क्योंकि इससे हमें यह पता चल जाता है कि हमारी पोस्ट संबंधित विभाग द्वारा प्राप्त कर ली गई है या नही और अगर संबंधित अधिकारी 30 दिनों के भीतर जवाब नही देता है तो हमारे पास यह प्रूफ होता है कि उसने हमारी एप्लीकेशन प्राप्त कर ली और जवाब नही दिया। फिर हम फर्स्ट अपील के लिए अप्लाई आसानी से कर सकते हैं।
किस रूप में सूचना ले सकते है:-
नागरिकों को डिस्क, टेप, विडियो कैसेट या किसी और इलेक्ट्रॉनिक या प्रिंटआउट के रूप में सूचना मांगने का हक है।
इनका रखें ध्यान:-
किसी भी विभाग से सूचना मांगने में यह ध्यान रखें कि सीधा सवाल पूछा जाए। सवाल घूमा-फिराकर नही पूछना चाहिए। सवाल ऐसे होने चाहिए, जिसका सीधा जवाब मिल सके। इससे जन सूचना अधिकारी आपको भ्रमित नही कर सकेगा।
आवेदक(एप्लिकेंट) को इसका भी ध्यान रखना चाहिए कि आप जो सवाल पूछ रहे हैं, वह उसी विभाग से संबंधित है या नही। उस विभाग से संबंधित सवाल नही होने पर आपको जवाब मिलने में बेवजह देरी भी हो सकती है।
एक्स्ट्रा फीस:-
सूचना लेने के लिए आरटीआई एक्ट में ऐप्लिकेशन फीस के साथ एक्स्ट्रा फीस का प्रोविजन भी है, जो इस तरह है:-
फोटो कॉपी: हर पेज के लिए 2 रुपये
बड़े आकार में फोटो कॉपी: फोटो कॉपी की लागत कीमत
दस्तावेज देखने के लिए: पहले घंटे के लिए कोई फीस नही, इसके बाद हर घंटे के लिए फीस 5 रुपये
सीडी: एक सीडी के लिए 50 रुपये
कब हो सकता है इनकार:-
कुछ खास हालात में ही जन सूचना अधिकारी आपकी ऐप्लिकेशन लेने से इनकार कर सकता है, जैसे कि:-
अगर ऐप्लिकेशन किसी दूसरे जन सूचना अधिकारी या पब्लिक अथॉरिटी के नाम पर हो।
आपके द्वारा ठीक तरह से सही फीस का भुगतान न करने पर।
आप गरीबी रेखा से नीचे के परिवार के सदस्य के रूप में फीस से छूट मांग रहे हैं, लेकिन इससे जुड़े सटिर्फिकेट की फोटोकॉपी न दे पाए हों।
कोई खास सूचना दिए जाने से सरकारी विभाग के संसाधनों का गलत इस्तेमाल होने की आशंका हो या इससे रेकॉर्डाे को देखने में किसी नुकसान की आशंका हो।
नोट- अगर आरटीआई को जन सूचना अधिकारी रिजेक्ट कर देता है, तो भी आवेदक को वह कुछ सूचनाएं जरूर देगा। ये हैं:-
रिजेक्शन की वजह
उस टाइम पीरियड की जानकारी, जिसमें रिजेक्शन के खिलाफ अपील दायर की जा सके
उस अधिकारी का नाम व पता, जिसके यहां इस फैसले के खिलाफ अपील की जा सकती है।
देरी होने पर कार्रवाई:-
आमतौर पर सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी 30 दिन में मिल जानी चाहिए। जीवन और सुरक्षा से संबंधित मामलों में 48 घंटों में सूचना मिलनी चाहिए, जबकि थर्ड पार्टी यानी प्राइवेट कंपनियों के मामले में 45 दिन की लिमिट है। ऐसा न होने पर संबंधित विभाग के संबंधित अधिकारी पर 250 रुपये रोजाना के हिसाब से 25 हजार रुपये तक का जुर्माना हो सकता है। गलत या गुमराह करनेवाली सूचना देने या गलत भावना से ऐप्लिकेशन रिजेक्ट करने पर भी कार्रवाई का प्रावधान है।
अपील का अधिकार:-
अगर आवेदक को तय समयसीमा में सूचना मुहैया नही कराई जाती या वह दी गई सूचना से संतुष्ट नही होता है तो वह प्रथम अपीलीय अधिकारी के सामने अपील कर सकता है। पीआईओ की तरह प्रथम अपीलीय अधिकारी भी उसी विभाग में बैठता है, जिससे संबंधित जानकारी आपको चाहिए।
प्रथम अपील के लिए कोई फीस नही देनी होगी। अपनी ऐप्लिकेशन के साथ जन सूचना अधिकारी के जवाब और अपनी पहली ऐप्लिकेशन के साथ-साथ ऐप्लिकेशन से जुड़े दूसरे दस्तावेज अटैच करना जरूरी है।
ऐसी अपील सूचना उपलब्ध कराए जाने की समयसीमा के खत्म होने या जन सूचना अधिकारी का जवाब मिलने की तारीख से 30 दिन के अंदर की जा सकती है।
अपीलीय अधिकारी को अपील मिलने के 30 दिन के अंदर या खास मामलों में 45 दिन के अंदर अपील का निपटान करना जरूरी है।
सेकंड अपील कहां करें:-
अगर आपको पहली अपील दाखिल करने के 45 दिन के अंदर जवाब नहीं मिलता या आप उस जवाब से संतुष्ट नहीं हैं तो आप 45 दिन के अंदर राज्य सरकार की पब्लिक अथॉरिटी के लिए उस राज्य के स्टेट इन्फर्मेशन कमिशन से या केंद्रीय प्राधिकरण के लिए सेंट्रल इन्फर्मेशन कमिशन के पास दूसरी अपील दाखिल कर सकते हैं।
इसके अलावा कुछ और वजहों से आप सीआईसी जा सकते हैं, जैसे कि अगर आप संबंधित पब्लिक अथॉरिटी में जन सूचना अधिकारी न होने की वजह से आरटीआई नही डाल सकते।
सूचना के अधिकार एक्ट के तहत सूचना पाने की आपकी रिक्वेस्ट ठुकरा दी जाए या आधी-अधूरी जानकारी दी जाए।
उम्मीद ओर आशा करते है की इस पोस्ट से आपको बहुत कुछ सीखने को मिला होगा। फिर भी आपके मन में कोई सवाल है तो कमेंट करके हमें बताये।🙏
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